विराट कोहली ने दशक का सबसे ज्यादा ODI शतक लगाया, बाबर आजम के 19 के मुकाबले 51 शतक
नव॰, 21 2025
जब विराट कोहली ने चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन से पहले अपना 51वां ODI शतक लगाया, तो उसने केवल एक रिकॉर्ड नहीं तोड़ा—उसने एक पूरा युग बना दिया। इस दशक में किसी भी बल्लेबाज ने इतने शतक नहीं लगाए, न ही किसी ने इतनी स्थिरता बनाए रखी। बाबर आजम, जिन्हें पाकिस्तान की नई पीढ़ी का चेहरा माना जाता है, अभी तक केवल 19 शतक ही बना पाए हैं। ये अंतर सिर्फ आंकड़ों का नहीं, बल्कि एक जीवन शैली का है—एक जो लगातार शीर्ष पर टिका रहा, दूसरा जो अब एक लंबे सूने के दौर से गुजर रहा है।
कोहली का अद्वितीय आंकड़ा: 14,255 रन, 57.71 का औसत, 51 शतक
कोहली ने 305 मैचों में 14,255 रन बनाए हैं—एक ऐसा आंकड़ा जिसे पहले कभी कोई नहीं छू पाया था। सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों का रिकॉर्ड 2023 के विश्व कप में तोड़ दिया गया, और अब वह इसे 51 तक पहुँचा चुके हैं। उनका औसत 57.71, स्ट्राइक रेट 93.26 है—एक अद्भुत संतुलन। उन्होंने 75 अर्धशतक भी जड़े हैं, और अपना सर्वोच्च स्कोर 183 (पाकिस्तान के खिलाफ 2012) पर बनाया। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि एक बल्लेबाजी की कला है। उन्होंने 2025 में सचिन के रिकॉर्ड को तोड़कर सबसे तेज़ 14,255 रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
बाबर आजम: शानदार शुरुआत, लेकिन अब शतक का सूना
बाबर आजम का शुरुआती दौर देखकर लगता था कि वह कोहली का उत्तराधिकारी हो सकते हैं। 136 मैचों में 6,309 रन, 53.46 का औसत, 19 शतक—ये कोई छोटी बात नहीं। लेकिन अब एक अजीब सी गुमसुम्मत ने उन्हें घेर लिया है। उनका आखिरी शतक अगस्त 2023 में नेपाल के खिलाफ था। उसके बाद से, 72 पारियों तक उन्होंने एक भी शतक नहीं बनाया। ये दुनिया के सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे लंबा शतक रिकॉर्ड ब्रेक है। वेस्टइंडीज दौरे पर उन्होंने तीन मैचों में केवल 47, 0 और 9 रन बनाए—पाकिस्तान को 2-1 से हराने का कारण बने।
दोनों की तुलना: घरेलू और दुर्गम जमीन पर
बाबर का घरेलू औसत 70 से ऊपर है—एक ऐसा आंकड़ा जो उन्हें वास्तविक बल्लेबाजी के नाम से जोड़ता है। लेकिन विदेशी मैदानों पर, जहां कोहली का औसत 60+ है, बाबर का आंकड़ा लगभग 40 के आसपास रहता है। यही अंतर है जिसने कोहली को वास्तविक विश्व स्तरीय बल्लेबाज बना दिया। टेस्ट में भी कोहली 9,230 रन, 30 शतक के साथ आगे हैं, जबकि बाबर के पास 4,366 रन और 9 शतक हैं। T20I में भी कोहली का स्ट्राइक रेट (137.95) बाबर (129.08) से काफी बेहतर है।
मानसिक थकान और भूमिका का अनिश्चितता
क्रिकेटिंगमाइंड्स.कॉम के विश्लेषकों के अनुसार, बाबर की इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। उनकी बल्लेबाजी तकनीक में छोटी-छोटी खामियां बढ़ रही हैं—खासकर बाहरी गेंद के खिलाफ। उन्हें अक्सर बल्लेबाजी क्रम में बदला जा रहा है, जिससे उनकी निरंतरता प्रभावित हो रही है। एक विशेषज्ञ ने कहा, "वह अब बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक दबाव का निशाना बन गए हैं।" वहीं, कोहली ने 2019-2022 के बीच 71 पारियों तक शतक नहीं बनाया था—लेकिन उन्होंने 2022 एशिया कप में 122* के साथ वापसी की। बाबर के पास ऐसी वापसी का रास्ता अभी नहीं दिख रहा।
कप्तानी और ट्रॉफी: दो अलग दुनियाएं
कोहली ने 95 ODI मैचों में 65 जीत दर्ज कीं—एक अद्वितीय नेतृत्व रिकॉर्ड। हालांकि, उन्होंने कप्तानी के दौरान कोई ICC ट्रॉफी नहीं जीती। बाबर ने 2023 में कप्तानी छोड़ दी, लेकिन 2024 में वापस आए। उनकी कप्तानी में 50 मैचों में 28 जीत हैं। बाबर 2017 के चैम्पियंस ट्रॉफी विजेता टीम के हिस्से थे, जबकि कोहली 2013 के ट्रॉफी और कई विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप जीतों के साथ खड़े हैं। ये अंतर भी एक बात बताता है—कोहली के लिए ट्रॉफी बस एक अतिरिक्त नहीं, बल्कि एक जरूरत थी।
अगला कदम: एशिया कप 2025 और भविष्य का निर्णय
अगले कुछ महीनों में एशिया कप 2025 के दौरान दोनों के निर्णय आएंगे। कोहली अभी भी टीम का नेता हैं, और उनके लिए ये अंतिम अवसर हो सकता है। बाबर के लिए ये एक निर्णायक मोड़ है—या तो वे अपने शतक का दबाव तोड़ेंगे, या फिर उनकी कप्तानी के बारे में सवाल और गहरे हो जाएंगे। पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज अहमद शेहजाद ने हाल ही में कहा, "कोहली के सामने कोई नहीं खड़ा हो सकता—न ही धोनी, न ही कोई और।" ये बयान सिर्फ आदर नहीं, बल्कि एक सच्चाई है।
क्या अब बाबर का अंत हो रहा है?
नहीं। लेकिन अगर वे एशिया कप में भी शतक नहीं बनाते, तो उनके भविष्य के बारे में सवाल बहुत बड़े हो जाएंगे। बाबर की ताकत अभी भी बाकी है—वे 28 पारियों में 18 अर्धशतक बना चुके हैं। लेकिन शतक बनाने की क्षमता और शतक बनाने की इच्छा में अंतर है। कोहली ने बताया था—"शतक बनाना नहीं, बल्कि बार-बार बनाना ही बड़ी बात है।" अब बाबर को यही साबित करना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
विराट कोहली ने कैसे सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा?
2023 के विश्व कप के दौरान, विराट कोहली ने 50वां ODI शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब उनके पास 51 शतक हैं, जो इस दशक में किसी भी बल्लेबाज के लिए अप्राप्य लगता है। उन्होंने इसे सिर्फ 305 मैचों में हासिल किया, जबकि सचिन ने 463 मैचों में किया था।
बाबर आजम क्यों शतक नहीं बना पा रहे हैं?
विश्लेषकों के अनुसार, बाबर की बल्लेबाजी में तकनीकी खामियां बढ़ रही हैं—खासकर बाहरी गेंद और लंबी गेंद के खिलाफ। उन्हें बल्लेबाजी क्रम में बार-बार बदला जा रहा है, जिससे उनकी निरंतरता टूट रही है। मानसिक थकान और दबाव भी उनकी गिरावट का कारण है।
क्या बाबर आजम कोहली का उत्तराधिकारी बन सकते हैं?
अभी तक नहीं। कोहली की स्थिरता, विदेशी मैदानों पर उनकी शानदार प्रदर्शन और शतकों की आवृत्ति अभी तक किसी के लिए अप्राप्य है। बाबर के पास प्रतिभा है, लेकिन उन्हें एक अलग दिशा और आत्मविश्वास की जरूरत है। अगर वे अगले 6 महीनों में शतक नहीं बनाते, तो उनकी भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं।
कोहली का अगला लक्ष्य क्या है?
अब उनका लक्ष्य 15,000 ODI रन बनाना है—जो अभी तक किसी भी बल्लेबाज ने नहीं किया। उन्हें केवल 745 रन चाहिए। इसके साथ ही, वे अपने 55वें शतक के लिए तैयार हैं। यदि वे एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करते हैं, तो वे इस दशक के सर्वश्रेष्ठ ODI बल्लेबाज के रूप में अमर हो जाएंगे।
क्या बाबर आजम की कप्तानी के बारे में फिर से सवाल उठ सकते हैं?
हां। अगर वे एशिया कप में शतक नहीं बनाते और टीम को हार का सामना करना पड़ता है, तो पाकिस्तानी फैन्स और विश्लेषक उनकी कप्तानी के खिलाफ आवाज़ उठाएंगे। उनकी अप्रभावी बल्लेबाजी और टीम के निर्णयों पर सवाल उठ सकते हैं। उनकी वापसी अभी भी अस्थायी है।
क्या इस दशक में कोहली के बाद कोई बल्लेबाज आ सकता है?
अभी तक कोई नहीं। बाबर आजम, डेविड वॉर्नर, जोस बटलर जैसे खिलाड़ियों के पास प्रतिभा है, लेकिन कोहली की जैसी निरंतरता, दबाव में खेलने की क्षमता और शतकों की आवृत्ति अभी तक किसी के पास नहीं। अगले 10 साल में भी ये रिकॉर्ड अटूट रह सकता है।