नई दिल्ली : कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की अहम बैठक में एशेंसियल कोमोडिटीज एक्ट में बदलाव पर फैसला हो गया है । इस अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई है । इस संशोधन से, अब किसान सीधे अपनी फसलें, जहां चाहें वहाँ बेच सकते हैं ।अब देश में किसानों के लिए एक देश एक बाजार होगा ।अब कैबिनेट की मुहर के बाद, एशेंसियल कोमोडिटीज एक्ट में बदलाव के लिए अध्यादेश लाया जाएगा । इस अध्यादेश के पारित हो जाने के बाद, किसानों की आमदनी बढ़ाने में मिलेगी मदद मिलेगी ।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में ही एग्रीकल्चर रिफॉर्म के सुधार का ऐलान कियाथा । पहले किसानों को सिर्फ APMC को बेचना पड़ता था लेकिन अब यह मजबूरी खत्म हो गई है । गौरतलब है कि इससे किसानों को अच्छी कीमत मिल सकती है ।एशेंशियल कोमोडिटीज,यानि EC एक्ट 1955 में संशोधन किया जा रहा है ।
क्या है एसेंशियल कमोडिटी एक्ट ?
इस एक्ट के तहत जितनी भी चीजें आती हैं, केंद्र सरकार उनकी बिक्री, दाम, आपूर्ति और वितरण को कंट्रोल करती है । उसका अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) तय कर देती है । कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं, जिसके बिना जीवन व्यतीत करना मुश्किल होता है ।ऐसी चीजों को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट में शामिल किया जाता है ।केंद्र सरकार को जब भी यह पता चल जाए कि एक तय वस्तु की आवक मार्केट में मांग के मुताबिक काफी कम है और इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है, तो वो एक निश्चित समय के लिए एक्ट को उस पर लागू कर देती है ।उसकी स्टाॅक सीमा तय कर देती है ।जो भी विक्रेता इस वस्तु को बेचता है, चाहे वह थोक व्यापारी हो, खुदरा विक्रेता हो या फिर आयातक हो, सभी को एक निश्चित मात्रा से ज्यादा स्टॉक करने से रोका जाता है, ताकि कालाबाजारी ना हो और दाम ऊपर ना चढ़ सके ।
आयुषी सिकरवार