पहला ODI – वनडे क्रिकेट का जन्म और भारत का पहला मुकाबला
क्या आपको पता है कि पहला वनडे (ODI) कब और कहाँ खेला गया? 1971 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ मेलबॉर्न क्रिकेट ग्राउंड में 60 ओवर वाले फ़ॉर्मेट को पहली बार पेश किया। उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 190 रन बनाकर जीत हासिल की, लेकिन इस छोटे‑स्मार्ट खेल ने तुरंत ही दुनियाभर में धूम मचाई।
जब यह फ़ॉर्मेट लोकप्रिय हुआ, तो भारत ने भी 1974 में पहला ODI खेला – वेस्ट इंडीज के खिलाफ लंदन में। यह मैच भारत के लिए नया प्रयोग था; लगभग सभी खिलाड़ी पहली बार 50‑ओवर की रणनीति को समझ रहे थे। तब से लेकर आज तक, ODI ने क्रिकेट की शैली को पूरी तरह बदल दिया है – तेज़ी, एटैक्टिक शॉट‑सेलेक्शन और सीमित ओवरों में टीम को जीताने की कला।
पहले ODI की मुख्य बातें
पहले ODI में कुछ रोचक तथ्य हैं जो अब तक कम लोग जानते हैं। पहला, उस समय गेंद का आकार आज के समान नहीं था, जिससे बॉलिंग में थोड़ा बदलाव रहा। दूसरा, रन‑रेट (RR) की गणना का फार्मूला अभी भी विकसित हो रहा था, इसलिए कई स्कोरकार्ड में आज के मानकों से अलग आँकड़े दिखते हैं। और सबसे दिलचस्प, प्रथम ODI में फील्डिंग के लिए 2‑स्टॉप फिटिंग का नियम नहीं था, यानी फ़ील्डर्स को बहुत आराम से घूमने दिया जाता था।
ये सब बातें दर्शाती हैं कि कैसे खेल ने समय के साथ बदलते नियमों और तकनीकी विकास को अपनाया है। अब जब आप कोई ODI देख रहे हों, तो इन शुरुआती कदमों को याद रखिए, इससे मैच की रणनीति समझने में मदद मिलेगी।
भारत की ODI यात्रा – शुरुआती चुनौतियों से लेकर जीत तक
भारत का पहला ODI जीत के साथ नहीं, बल्कि हार के साथ शुरू हुआ। 1974 का लंदन मैच भारत को 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस हार ने टीम को नई रणनीतियों को अपनाने का अवसर दिया। धीरे‑धीरे, 1983 में भारत ने पहला वर्ल्ड कप जीत कर ODI को अपना बना लिया। उस जीत ने क्रिकेट प्रेमियों को साबित किया कि छोटे‑छोटे ओवरों में भी बड़ा जीत सकता है।
आज भारत की ODI टीम दुनिया की सबसे टॉप टीमों में से एक है। चाहे विराट कोहली की तेज़ी हो या रॉहित शॉचा की विश्वसनीय गेंदबाज़ी, हर खिलाड़ी मानता है कि पहला ODI ने हमें आज की शैली का आधार दिया है।
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केशव महाराज की घातक स्पिन, मार्कराम की तूफ़ानी पारी: इंग्लैंड पर दक्षिण अफ्रीका की 7 विकेट से जीत
हेडिंग्ले में पहला ODI इंग्लैंड के लिए बुरा सपना बन गया। 82/2 से 131 पर ढेर—केशव महाराज ने 4/22 लेकर बैटिंग को उधेड़ दिया। जवाब में एडन मार्कराम ने 55 गेंद पर 86 रन ठोंके और रयान रिक्लेटन के साथ 121 रन जोड़कर मैच 7 विकेट से खत्म कर दिया। इंग्लैंड के लिए जेमी स्मिथ का 54 ही एक राहत रहा, जबकि सॉनी बेकर का डेब्यू महंगा पड़ा। सीरीज़ में दक्षिण अफ्रीका 1-0 से आगे है।