पटना (बिहार) : दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ ? बृहस्पतिवार को असमय काल के गाल में समा चुके मशहूर फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के अस्थि कलश को गंगा में प्रवाहित कर दिया गया। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की लाश 14 जून को उनके मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट से पुलिस ने बरामद किया था। सुशांत सिंह राजपूत के पिता सहित अन्य रिश्तेदारों की मौजूदगी में दिवंगत का दाह-संस्कार मुंबई में ही कर दिया गया था। बृहस्पतिवार को दिवंगत सुशांत के पिता और बहनों ने चिथड़े और बेहद टूटे हुए मन से मृतात्मा की अस्थि को पवित्र गंगा में प्रवाहित कर दिया। गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत की लाश पंखे से चादर के फंदे से झूलती हुई मिली थी। पुलिस अभीतक इस मामले को आत्महत्या मान कर अनुसंधान कर रही है। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले सुशांत सिंह राजपूत, किशोर वय और युवाओं के लिए एक नजीर थे। लेकिन उनकी कामयाबी, अंडरबर्ल्ड के गुर्गों द्वारा संचालित बॉलीबुड के कुछ सूरमाओं को नहीं पच रहा था। सारे तौर-तरीके और पारिवारिक परिवेश, सुशांत की हत्या की ओर इशारे कर रहे हैं लेकिन पुलिस के सामने जो मौजूं, हालात और साक्ष्य हासिल मिले हैं, उससे पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान कर जाँच कर रही है। लेकिन पुलिस यह भी मान कर चल रही है कि सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए विवश और मजबूर किया गया है। पुलिस इस कड़ी में भी साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है।
बॉलीबुड सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बॉलीबुड के बड़े मठाधीश धर्मा प्रोडक्शन, यशराज फिल्म्स, टी सीरीज, बालाजी फिल्म्स, करण जौहर, सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान, सैफ अली खान, साजिद नाडियाडवाला, दिनेश विजान, संजय लीला भंसाली और एकता कपूर की टीम ने सुशांत सिंह राजपूत को अपने बैनर में काम नहीं देने के लिए, उन पर बैन लगा रखा था। यही नहीं, यह सारे लोग, इस प्रयास में भी लगे रहते थे कि सुशांत सिंह राजपूत को किसी भी बड़े बैनर की फिल्म नहीं मिल सके। हालात ऐसे हो गए थे कि सुशांत के लिए बेब सीरीज और टीवी सीरियल में ही सिमट कर काम करना था। अगर सुशान्त सिंह ने आत्महत्या की है, तो इन लोगों की तानाशाही और गुंडागर्दी ने सुशांत सिंह को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया है। यह हत्या से भी बड़ा अपराध है। इन तमाम लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने और इनकी फिल्मों के बहिष्कार के लिए सोशल साईट पर हस्ताक्षर अभियान चलाए जा रहे हैं। एक पिटीशन बनाकर, लोगों से हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। अभी तक लगभग 32 लाख से अधिक लोगों ने इस पिटीशन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह अभियान अभी और चलेगा। निसन्देह इस अभियान से, सुशांत को न्याय दिलाने में बहुत फायदा होगा। इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि पूरा देश सुशांत की मौत की तहकीकात, सीबीआई से करवाना चाह रहा है और इसके लिए उग्र आंदोलन हो रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार से इसकी अनुशंसा नहीं कर रही है। इस मामले की सीबीआई जांच से ही दूध का दूध और पानी का पानी होना सम्भव है।
मुकेश कुमार सिंह