केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच के सामने भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का मामला रखते हुए कहा कि बिना भीड़ के धार्मिक रीतियों को पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए, पूरी सावधानी के साथ यात्रा पूरी की जाएगी।
ओडिशा सरकार ने भी इसी तर्ज़ पर यात्रा का समर्थन किया। दरअसल रथयात्रा पर रोक का आदेश 18 जून को चीफ़ जस्टिस की तीन जजों की बेंच ने दिया था। इस आदेश में संशोधन की माँग को लेकर दर्जन भर याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई है जो सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के लिए एक जज की बेंच जस्टिस एस रविन्द्र भट के सामने लगी थी। यह क़ानूनी पेंच है कि एक जज तीन जजों की बेंच के आदेश में संशोधन नहीं कर सकते। इसलिए केन्द्र सरकार ने आज ये मामला सुप्रीम कोर्ट में बैठे दो जजों वाली जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच के सामने रखा है, जिसपर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि वह चीफ़ जस्टिस से मशवरा करके आधे घंटे बाद सुनवाई करेंगे, क्योंकि 18 जून को रथयात्रा पर रोक लगाने का आदेश चीफ़ जस्टिस की बेंच ने दिया था।