गाज़ियाबाद : जहाँ एक और 3 जून को सभी विश्व साइकिल दिवस की खुशी में थे, तो वहीँ दूसरी ओर देश की सबसे पुरानी कंपनी में तनाव का माहौल था । बताते चलें कि 3 जून को एटलस साइकिल कंपनी ने अपना कारोबार बंद करने की घोषणा कर दी ।जी हाँ, अपने एक दम सही पढ़ा है, 3 जून को एटलस साइकिल कंपनी,जो 1989 में स्थापित हुई थी , जिसकी साइकिल बचपन में देश के अधिकांश बच्चों ने चलाई होगी, वह कम्पनों अब बन्द हो चुकी है । गौरतलब यह है कि उस कंपनी ने अपने कार्यालय के बहार नोटिस लगाया और कारोबार बंद होने की सूचना जारी कर दी है ।उन्होंने अपने सभी व्यापारियों को 3 जून से ले ऑफ पर जाने को बोला है ।ले ऑफ का मतलब जब तक काम नही हो रहा, किसी को तनख्वाह नही मिलेगी ।साल की 40 लाख से ज्यादा साइकिल बनाने वाली और हज़ारो से ज्यादा घर को पालने वाली यूनिट कभी इस मुकाम पर आएगी, शायद ही किसी ने सोचा भी होगा ।कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते कंपनी लगभग 2.5 महीने से बंद थी,जिसकी वजह से कोई काम नही हो रहा था । अब कंपनी हमेशा के लिए बंद करनी पड़ रही है ।हालाँकि अनलॉक 1 में काफी रियायतों के साथ काफी कारोबार खोले गए हैं ।अगर देश की इतनी बड़ी-बड़ी कंपनियां बंद हो जाएंगी,तो देश का विकास कैसे होगा ?यह समय देश में बड़ा ही संकट का समय है ।कंपनी में काम करने वाले कारीगरों का कहना है कि किसी ने इस बात की पहले कोई सूचना जारी नहीं कि और ना ही कामगारों से कुछ पूछा ही गया ।आखिर बात हजारों घरों की रोजी-रोटी पर आएगी, तो यह बड़े संकट की बात है ही ।
मायावती ने भी ट्वीट किया और इस बात पर चिन्ता जताई है ।साथ ही लिखा है कि लॉकडाउन के चलते जो कंपनियां बंद हुई हैं,उनके लिए आर्थिक पैकेज की बात चल रही है ।
डिम्पल सूद