दिल्ली : देश भर में कोरोना ने पूरी तरह से अपने पैर पसार लिए हैं । पहले देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन किया गया, हर तरह की कोशिशें की गईं, जिससे कोरोना के चेन को तोड़ा जाये ।लेकिन देखते ही देखते इस महामारी ने पूरे देश में तबाही मचा दी है । हिंदुस्तान में 2 बड़े राज्य इसकी चपेट मे सबसे अधिक दिखाई दे रहे हैं । मुंबई और देश की राजधानी दिल्ली, जहाँ दिन प्रतिदिन आंकड़ों में इजाफे ही हो रहे हैं ।
भारत मे रोज़ाना टेस्टिंगों की संख्या
अब भारत मे हर दिन(1.4) लाख टेस्ट होते हैं ।भारत में भले ही काफ़ी कम टेस्टिंग हो रही है लेकिन पहले के मुताबिक संक्रमितो की संख्या मे काफ़ी बढ़त देखने को मिल रही है । लॉकडाउन फेज 3 तक देश में रोजाना 20 से 30 हज़ार लोगों की जाँच होती थी लेकिन अब 30 से 50 हजार लोगों से ज्यादा लोगों को टेस्टिंग रोज़ाना हो रही है । यही नहीं,देश मे अब एक प्राईवेट लैब पर (233)
और सरकारी लैब पर (590) कोरोना सैम्पल लिए जाते हैं । गौरतलब है कि इन लैबों की संख्या बढाई जा रही है ।
भारत में कोरोना के ताज़े आंकड़े
संक्रमित मामले
(308, 993)
ठीक होने वालों की संख्यां
(308, 993)
मौत के मामले
(154, 330)
पीएम मोदी ने 13 जून को एक बार फिर से कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोना वायरस की जंग के खिलाफ भारत के जवाब को लेकर सीनियर मंत्रियों और अफसरों से विस्तार से बात की । बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर महामारी के स्तर और संबंधित तैयारी को लेकर समीक्षा की गई । पीएम ने शहरों और जिलों में अस्पतालों में बेड, आइसोलेशन सेंटर को लेकर एंपावर्ड ग्रुप की सिफारिशों का संज्ञान लिया और स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर आपात योजना बनाने के निर्देश दिए । PMO के अनुसार, दो तिहाई कोरोना के मामले 5 राज्यों से हैं।
भारत के लिए अगले 2 हफ्ते होने वाले है बहुत अहम
बांकि दुनिया के मुकाबले भारत मे कोरोना के मामलो की संख्या भले ही कम हो लेकिन इसका मतलब खुश होना नहीं है ।वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनसेशन के अनुसार गर्मी बढ़ने के बाद भी कोरोना का चेन नहीं टूट रहा है ।आने वाले समय मे इसका विस्फोट अधिक होगा । जिस प्रकार रोजाना संक्रमितों की संख्या और मौतों की संख्या में इजाफा हो रहा है।। लगातार 20 मिनट मेंमौत हो रही है ।अगले 2 हफ्तों मे भारत मे कोरोना की दशा दिशा तय होगी । कहा जा रहा है कि भारत की 130 करोड़ आबादी मे अभी टेस्टिंग ना के बराबर हो रही है ।अमेरिका की जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के डेटा के मुताबिक भारत में मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं, इसलिए भारत को लॉकडाउन की मियाद को अभी और बढ़ाना चाहिए था । कम से कम जून तक या फिर सितम्बर तक बढ़ाना चाहिए, ऐसा नहीं हुआ तो,वेंटिलेटर ऑक्सीजन, बेड, आईसीयू में बहुत भारी कमी आ जायेगी और स्थिति पर काबू पाना फिर, बेहद मुश्किल हो जायेगा ।भारत में संक्रमित मरीजों में तेज़ी से इजाफा होगा और आने वाले समय में, सरकार और आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी ।बहुत हद तक कोरोना की विस्फोटक स्थिति 2 हफ्तों में साफ-साफ दिखने लगेगी ।
सृष्टि श्रीवास्तव