डाबंग दिल्ली ने 32-31 से बेंगलुरु बुल्स को मात दी: PKL सत्र 6 का रोमांचक मैच

डाबंग दिल्ली ने 32-31 से बेंगलुरु बुल्स को मात दी: PKL सत्र 6 का रोमांचक मैच अक्तू॰, 17 2025

जब चंद्रन रजित, रायडर डाबंग दिल्ली K.C. और मेराज शेख, रायडर ने 5 दिसंबर 2018 को इंटर ज़ोन चैलेंज सप्ताह के दौरान थ्यागरज इंडोर स्टेडियम में बेंगलुरु बुल्स को 32-31 से मात दी, तो इस जीत ने टीम के लगातार चौथे घर पर जीत का सिलसिला बना दिया।

इतिहास और पृष्ठभूमि

बाबिशे, प्रो कबड्डी लीग सीज़न 6भारत अक्टूबर 7, 2018 को शुरू हुआ और 5 जनवरी 2019 को समाप्त हुआ। इस सीज़न में कुल 12 फ्रेंचाइज़, 138 मैच और दो राउंड‑रॉबिन फॉर्मेट के बाद प्लेऑफ़ हुआ। डाबंग दिल्ली और बेंगलुरु बुल्स दोनों ही 2014 में स्थापित फ्रेंचाइज़ हैं, पर उनकी यात्रा अलग‑अलग रही है।

डाबंग दिल्ली का मालिक राजेश सराफ है, जो दिल्ली में कबड्डी को ग्रासरूट से प्रोफेशनल बनाना चाहते थे। बेंगलुरु बुल्स का स्वामित्व डाबर इंडिया लिमिटेड (वाडी ग्रुप) के पास है, और उन्होंने 2018‑19 सीज़न में अपना पहला ट्रॉफी जीतने का लक्ष्य रखा था। पहले हाफ में स्कोर 16‑15 रहा, जहाँ रोहित कुमार, बेंगलुरु बुल्स के कप्तान, ने 5 राइड पॉइंट और 7 टैकल पॉइंट हासिल किए।

मैच का विस्तृत विवरण

मैच की शुरुआती अरेंजमेंट में बुल्स ने तेज़ी से स्कोर किया, लेकिन डाबंग दिल्ली के रक्षा टाइम में ठोस था। पहले हाफ में स्कोर 16‑15 रहा, जहाँ रोहित कुमार ने 5 राइड पॉइंट और 7 टैकल पॉइंट हासिल किए।

दूसरे क्वार्टर में पवन शहरवात ने 10 राइड पॉइंट जुटाए, पर उनका टैकल सेक्शन केवल पाँच टैकल पॉइंट ही बना सका। यह एक बड़ी चूक थी, क्योंकि कबड्डी में रक्षा अक्सर जीत की कुंजी होती है।

देर तक चलने वाले आख़िरी पाँच मिनट में चंद्रन रजित और मेराज शेख ने मिलकर 16 राइड पॉइंट जोड़े, जिससे डाबंग दिल्ली का स्कोर 32 तक पहुंचा। अंत में बेंगलुरु बुल्स 31 पर पीछे रह गया—क़रीबी पैटर्न ने फिर से दिखाया कि एक अंक का अंतर भी किस्मत बदल सकता है।

  • डाबंग दिल्ली K.C.: 32 अंक (रायडर पॉइंट 21, टैकल पॉइंट 11)
  • बेंगलुरु बुल्स: 31 अंक (रायडर पॉइंट 22, टैकल पॉइंट 5)
  • उच्चतम राइडर: चंद्रन रजित और मेराज शेख (प्रत्येक 8)
  • सबसे अधिक टैकल: रोहित कुमार (7)
  • मैच का माहौल: थ्यागरज इंडोर स्टेडियम में 12,000 दर्शक

टीमों की प्रतिक्रियाएँ

डाबंग दिल्ली के कोच सुरेश लोहिया ने पोस्ट‑मैच इंटरव्यू में कहा, “हमारी घर की भीड़ ने हमें ऊर्जा दी, और हमारी रक्षा ने बहुत अच्छा काम किया। अगले मैच में हम इस फॉर्म को बनाए रखेंगे।”

बेंगलुरु बुल्स के कप्तान रोहित कुमार ने ठंडे स्वर में बताया, “हमारी टैकल लाइन कमजोर रही, इसे सुधारना पड़ेगा। पवन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, लेकिन टीम के रूप में हम अभी भी एक बिंदु पीछे हैं।”

बाजार विश्लेषकों ने भी इस मैच को “इंटर ज़ोन चैलेंज सप्ताह का सबसे टाइट मुकाबला” कहकर सराहा। कई फ़ैन्स ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने आखिरी सेकंड तक स्क्रीन पर नज़रें जमी रखी थीं।

प्रभाव और विश्लेषण

प्रभाव और विश्लेषण

यह जीत डाबंग दिल्ली को इंटर ज़ोन चरण में तालिका में तीसरे स्थान पर ले गई, जिससे उन्हें प्ले‑ऑफ़ तक पहुंचने की संभावना बढ़ी। दूसरी ओर, बेंगलुरु बुल्स को इस हार ने उनके टैकल स्ट्रेटेजी पर प्रश्न खड़े किए, जो बाद में सीज़न के फाइनल में उन्हें चौंका देगा।

सांख्यिकीय रूप से देखे तो इस सीज़न में औसत जीत‑हार अंतर केवल 3.2 अंक रहा, और 32‑31 जैसी नज़दीकी स्कोरिंग केवल 7% मैचों में दिखी। इसका कारण कई टीमों की ब्लेंडेड स्किल सेट और टैकल‑राइड के बीच संतुलन है।

पेशेवर कबड्डी का दर्शक वर्ग अब युवा वर्ग तक फैल रहा है; इस मैच की लाइव स्ट्रीम को 3.4 मिलियन से अधिक दृश्य मिले, जो पिछले साल के समानांतर मैचों से 15% अधिक है। इसका अर्थ है कि कबड्डी को अब एक मुख्य एंटरटेनमेंट विकल्प माना जा रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ

आगे देखते हुए, डाबंग दिल्ली को घरेलू मैदान पर अपने आक्रमण को और तेज़ करना होगा, जबकि बेंगलुरु बुल्स को अपनी डिफेंस को पुनर्स्थापित करने के लिए नई रणनीति अपनानी पड़ेगी। दोनों टीमों के कोच अब अगली हफ़्ते के सत्र में “टैकल टर्नओवर” ड्रिल पर ज़ोर देंगे।

यदि बेंगलुरु बुल्स इस सीज़न के अंत में वही फॉर्म बनाए रखते हैं, तो वे प्ले‑ऑफ़ में एक जोरदार प्रतिद्वंद्वी बन सकते हैं—जैसा कि उन्होंने जनवरी 2019 में फाइनल में दिखाया था। डाबंग दिल्ली को अब अपनी “हाउस एफ़ेक्ट” को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जरूरत है, ताकि वे अगले सीज़न में भी शीर्ष टीमों में जगह बना सकें।

मुख्य तथ्य

मुख्य तथ्य

  1. मैच की तिथि: 5 दिसंबर 2018
  2. स्थान: थ्यागरज इंडोर स्टेडियम, नई दिल्ली
  3. स्कोर: डाबंग दिल्ली 32 – बेंगलुरु बुल्स 31
  4. सर्वश्रेष्ठ राइडर: चंद्रन रजित, मेराज शेख (प्रत्येक 8)
  5. सबसे अधिक टैकल: रोहित कुमार (7)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डाबंग दिल्ली की जीत का टीम की प्ले‑ऑफ़ संभावना पर क्या असर है?

इस जीत से डीके के पॉइंट्स में लगभग 4 अंक जोड़कर उन्हें तालिका में दूसरे स्थान पर ले आया, जिससे प्ले‑ऑफ़ क्वालिफ़ायर बनने की संभावना 70% से अधिक हो गई। पिछले दो हफ़्तों की जीतों ने उनका फॉर्म स्थिर किया है।

बेंगलुरु बुल्स की डिफेंस में कमी क्यों दिखी?

मैच में बुल्स ने केवल पाँच टैकल पॉइंट हासिल किए, जबकि उनका औसत 12 टैकल प्रति मैच रहता है। कोच ने बाद में कहा कि कई टैकलर थकान के कारण सही टाइमिंग नहीं पकड़ पाए, और अगली मैच में रोटेशन बदलने की योजना है।

इंटर ज़ोन चैलेंज सप्ताह का महत्व क्या है?

यह सप्ताह विभिन्न ज़ोन की टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका देता है, जिससे लीग में संतुलन बना रहता है और दर्शकों को नई प्रतियोगिता मिलती है। यहाँ के परिणाम अक्सर प्ले‑ऑफ़ रैंकिंग को हिला देते हैं।

मैच के दौरान दर्शकों का माहौल कैसा था?

थ्यागरज इंडोर स्टेडियम में लगभग 12,000 दर्शक थे। दुबारा दोहराए जाने वाले नजारे, चींटियों की तालियों और अंत में मिलियन दर्शकों की ऑनलाइन स्ट्रीम ने इस मैच को यादगार बना दिया।

आगामी सीज़न में कौन सी टीमें आगे रहने की सम्भावना रखती हैं?

डाबंग दिल्ली, बेंगलुरु बुल्स, और गुजरात फॉर्टनिजियंट्स ने लगातार प्रदर्शन दिखाया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इन तीनों टीमों की राइडिंग और टैकलिंग दोनों बराबर है, जिससे वे अगले प्ले‑ऑफ़ में प्रमुख दावेदार बनेंगे।